कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए 24 सितंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो गई. इस पद के लिए जिस नाम की सबसे अधिक चर्चा है वह राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का है, जो आने वाले दिनों में नामांकन दाखिल कर देंगे. इस बीच राजस्थान के नए मुख्यमंत्री को लेकर रविवार को जयपुर में विधायक दल की अहम बैठक होने वाली है, जिसमें कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मलिकार्जुन खड़गे और अजय माकन मौजूद रहेंगे.
ऐसी चर्चाएं हैं कि बैठक में विधायकों की सहमति लेने के बाद राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के नाम का ऐलान हो सकता है. अशोक गहलोत ने यह साफ कर दिया है कि वह कांग्रेस अध्यक्ष का नामांकन भरेंगे और अध्यक्ष बनने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देंगे. इस चुनाव में गहलोत का पलड़ा भारी बताया जा रहा है. वही पार्टी राजस्थान के नए मुख्यमंत्री को लेकर भी तैयारियों में जुट चुकी है. कई नामों को लेकर कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन सचिन पायलट का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है.
राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के चयन के लिए पार्टी हाईकमान राजस्थान के विधायकों से भी उनकी पसंद के बारे में पूछेगा, जिसके आधार पर ही आगे का फैसला किया जाएगा. कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी बैठक के बारे में ट्वीट करके जानकारी दी है. उन्होंने लिखा है कि माननीय कांग्रेस अध्यक्ष ने 25 सितंबर को शाम 7 बजे होने वाली राजस्थान विधानसभा के कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए अजय माकन के साथ मल्लिकार्जुन खड़गे को पर्यवेक्षक नियुक्त किया है.
Hon’ble Congress President has appointed Sh.Mallikarjun Kharge as Observer along with Sh.Ajay Maken,Gen. Secretary AICC, Incharge of Rajasthan, to attend the meeting of Congress Legislature Party (CLP) of Rajasthan Legislative Assembly slated to be held on 25th September at 7 PM.
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) September 24, 2022
आपको बता दें कि राजस्थान के नए मुख्यमंत्री के लिए जो नाम चल रहे हैं उसमें सबसे आगे सचिन पायलट का नाम बताया जा रहा है. हालांकि इसके अलावा भी कई नामों पर चर्चा चल रही है. सचिन पायलट से कई विधायक लगातार मुलाकात कर रहे हैं. पिछले 3 दिनों से वह लगातार विधायकों संग बैठकर कर रहे हैं. इन मुलाकातों को राजनीतिक गलियारों में बहुत ही अधिक अहम माना जा रहा है. हालांकि सचिन पायलट के नाम पर अशोक गहलोत मान जाते हैं या नहीं, यह देखना सबसे दिलचस्प होगा. यहां गांधी परिवार का रोल भी अहम माना जा रहा है.
आपको बता दें कि अशोक गहलोत के समर्थक माने जाने वाले कई विधायक और मंत्री भी सचिन से मिलने का मुंह नहीं छोड़ पाए और विधायकों और मंत्रियों से बातचीत के दौरान सचिन पायलट बेहद सावधान दिखाई दे रहे हैं. भावी मुख्यमंत्री बनने की तमाम चर्चाओं के बावजूद उन्होंने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. पूछे जाने पर उन्होंने कांग्रेस आलाकमान के निर्णय का इंतजार करने की बात कही है.
इस दौरान सचिन को कई लोगों ने बधाई तक दे डाली तो कुछ विधायकों ने कुरेदने का प्रयास किया कि क्या उन्हें राहुल गांधी की ओर से मुख्यमंत्री पद मिलने का ग्रीन सिग्नल मिल गया है? जवाब में सचिन ने एक सधी हुई मुस्कुराहट बिखेर दी. दरअसल जब सचिन पायलट सदन में जाने के लिए पहुंचे थे उस दौरान यह सब कुछ हुआ.
आपको बता दें कि इस वक्त राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा पर हैं और इस यात्रा को जनता का अपार समर्थन मिल रहा है. राहुल गांधी ने अध्यक्ष बनने से इनकार कर दिया है. ऐसे में 24 साल बाद किसी गैर गांधी के हाथ में कांग्रेस अध्यक्ष की कमान होगी. अगर किसी गैर गांधी के हाथ में कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान जाती है तो बीजेपी वंशवाद के मुद्दे पर कांग्रेस को आने वाले चुनावों में नहीं घेर पाएगी.