ये जो अपराधी और माफिया होते हैं ये आखिर किसके द्वारा पारले गए हैं? क्या यह सच नहीं है कि जिसके खिलाफ केस दर्ज है उसे सपा ने सांसद बनाया था? आप अपराधी को पालेंगे और उसके बाद तमाशा बनाते हैं. हम इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उमेश पाल हत्याकांड के बाद जब मिट्टी में मिला देने वाला बयान विधानसभा में दिया तो पूरा सदन गूंज उठा.
उत्तर प्रदेश में संगठित और पेशेवर अपराध के खिलाफ योगी आदित्यनाथ कि जो प्रतिबद्धता वह उनके इस बयान में दिख रही थी. उसी का असर है कि आज जब आतंक के पर्याय रहे बाहुबली नेता अतीक अहमद को अहमदाबाद से प्रयागराज लाया जा रहा है तो हर किसी की निगाहें उस और हैं, क्योंकि लोगों को लग रहा है कि सड़क यात्रा के दौरान माफिया के साथ कुछ भी अनहोनी हो सकती है. जैसे कि कानपुर के विकास दुबे के साथ हुई थी.
उत्तर प्रदेश में दाखिल होने से पहले काफिले की गाड़ी से एक गाय टकरा गई. गाय की मौत हो गई है. इससे पहले काफिला एमपी में शिवपुरी के पास रुका था, जब अतीक वैन से उतर रहा था तब उससे पूछा गया कि क्या आपको डर लग रहा है, तो गैंगस्टर बोला किस बात का डर? कुछ भी हो लेकिन इस केस को लेकर लोगों की निगाहें अतीक अहमद और पूरे सफर पर टिकी हुई है. एक संदेश साफ दिखाई दे रहा है कि माफियाओं के साथ कुछ भी हो सकता है. मीडिया भी इसे लाइव कवरेज दे रहा है.
अतीक के वकील विजय मिश्रा ने कहा है कि कोर्ट के आदेश पर अतीक अहमद को प्रयागराज कोर्ट ले जाया जा रहा है, उन्हें बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा. कोर्ट जो भी फैसला सुनाएगी वह हम स्वीकार करेंगे. अगर हमें न्याय नहीं मिला तो हम हाईकोर्ट जाएंगे. हमें अतीक अहमद की सुरक्षा की फिक्र है. हम राजस्थान से उनके काफिले के साथ चल रहे हैं.
आपको बता दें कि रविवार को साबरमती से निकलते वक्त अतीक अहमद ने अपनी हत्या का शक जाहिर किया था. लेकिन शिवपुरी में मूछों को ताव देकर अतीक अहमद बोला कि डर काहे का? अतीक अहमद पर उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि कोर्ट के आदेश का पालन कर रहे हैं, हर हाल में कानून का राज कायम है. वही यूपी के मंत्री दानिश ने कहा है कि योगीराज में माफियाओं का बीपी हाई है. माफियाओं में गाड़ी पलटने का डर है.