कांग्रेस पार्टी के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने अपनी आत्मकथा में लिखा है कि राहुल गांधी को जब बताया गया कि असम में कभी कांग्रेस के प्रमुख नेता रहे हिमंत बिस्वा सरमा को बहुसंख्यक विधायकों का समर्थन हासिल है और वह बगावत करने के साथी पार्टी छोड़ने जा रहे हैं तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी का दो टूक जवाब था कि जाने दीजिए उन्हें.
गुलाम नबी आजाद ने अपनी आत्मकथा ‘आजाद’ में हिमंत बिस्वा सरमा और कुछ अन्य प्रकरणों पर प्रकाश डाला है. उनका कहना है कि राहुल गांधी ने हिमंत के मामले को सही ढंग से हैंडल नहीं किया और सोनिया गांधी ने भी पार्टी अध्यक्ष के तौर पर हस्तक्षेप नहीं किया, जबकि उनका इसका आभास था कि उनके पार्टी से चले जाने से क्या नुकसान होने वाला है.
आपको बता दें हिमंत बिस्वा सरमा पहले कांग्रेस पार्टी में थे. अब वह बीजेपी में है तथा असम के मुख्यमंत्री हैं. सितंबर 2015 में जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी तो उनके साथ 10 विधायक भी चले गए थे. आजाद ने अपनी आत्मकथा में कहा कि राहुल ने सीधे-सीधे कह दिया था कि असम में कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होगा. हमने उनसे कहा था कि उनके पास बहुसंख्यक विधायकों का समर्थन है और वह पार्टी छोड़ देंगे, तो राहुल ने कहा कि उनको जाने दीजिए.
आजाद ने अपनी किताब में लिखा है कि मैंने इस बारे में सोनिया गांधी को सूचित किया, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष ने हस्तक्षेप नहीं किया. इसके बजाय सोनिया गांधी ने मुझसे कहा कि हिमंत से कहो की समस्या पैदा ना करें.