राजस्थान में सियासी ड्रामा लगातार जारी है और अशोक गहलोत और उनके समर्थक विधायकों के तेवर नरम पड़ते नजर आ रहे हैं. तो वहीं कांग्रेस आलाकमान एक्शन में है. विधायक दल की बैठक के लिए बतौर पर्यवेक्षक जयपुर गए अजय माकन और मलिकार्जुन खरगे ने पूरे घटनाक्रम को लेकर विस्तृत रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप दी है. रिपोर्ट में अशोक गहलोत को क्लीन चिट की बात कही जा रही है. तो दूसरी तरफ अशोक गहलोत के अगले कदम को लेकर भी चर्चाएं हो रही हैं.
हुआ एक्शन
कांग्रेस विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने के मामले में कांग्रेस हाईकमान ने एक्शन लेते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया है. संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल, सचेतक महेश जोशी और धर्मेंद्र सिंह राठौड़ को कांग्रेश अनुशासन समिति ने मंगलवार रात को नोटिस जारी किया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर कोई एक्शन नहीं लिया गया है, इसलिए इससे क्लीन चिट देने से जोड़कर देखा जा रहा है. ऐसे में अशोक गहलोत के अभी मुख्यमंत्री बने रहने के आसार नजर आ रहे हैं. साथ ही गहलोत के राष्ट्रीय अध्यक्ष के नॉमिनेशन पर सस्पेंस अभी भी बरकरार है.
मलिकार्जुन खरगे और अजय माकन की रिपोर्ट के आधार पर कांग्रेस हाईकमान ने अशोक गहलोत के तीन करीबियों को कारण बताओ नोटिस दे दिया है. जानकारी के मुताबिक शाम 5 बजे के करीब अजय माकन ने अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपी. सोनिया गांधी ने यह रिपोर्ट कार्रवाई के लिए अनुशासनात्मक समिति को भेज दी, जिसके प्रमुख एके एंटनी है. कांग्रेस की अनुशासनात्मक समिति की ओर से जारी किए गए नोटिस में कहा गया है कि आपने जो किया वह घोर अनुशासनहीनता है. आप 10 दिन में यह जवाब दीजिए कि पार्टी के संविधान के तहत आप के खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए.
नेतृत्व क्षमता पर सवाल
दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्री टीएस सिंह देव ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अशोक गहलोत की उम्मीदवारी पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जो आदमी अपने विधायकों को नहीं संभाल पा रहा है वह कांग्रेस पार्टी को कैसे संभालेगा. उन्होंने यह भी कहा कि अगर यह बैठक अशोक गहलोत की जानकारी में नहीं थी तो अब तो आ गई है. उन्होंने कहा कि अगर उनके राज्य के विधायक ही उनकी बात नहीं मानेंगे तो कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में देश के कार्यकर्ता और नेताओं की बात भला कैसे मानेंगे? इसके आगे उन्होंने कहा कि राजस्थान का जो घटनाक्रम हुआ है उससे कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने की अशोक गहलोत की क्षमता पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लग गया है.
टीएस सिंह देव ने कहा कि सोनिया गांधी के करीबी अशोक गहलोत का नाम अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे था, लेकिन राजस्थान में स्थिति नियंत्रित करने में वह पूरी तरह विफल रहे, यह मेरे लिए आश्चर्य की बात है. दूसरी तरफ आपको बता दे कि गहलोत के समर्थन में लामबंद हुए वफादार भी अब एक-एक कर छिटकने लगे हैं. शांति धारीवाल के घर हुई बैठक में शामिल कांग्रेस के एक और विधायक ने वीडियो जारी कर कहा है कि कांग्रेस आलाकमान जो भी फैसला लेगा उन्हें मंजूर होगा. वीडियो जारी कर के विधायक ने शांति धारीवाल के घर हुई बैठक को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.
अजय माकन की ओर से सोनिया गांधी को दी गई रिपोर्ट में इस बात का जिक्र तो है कि विधायक दल की बैठक के समांतर बैठक करने वाले नेता अशोक गहलोत के करीबी हैं. लेकिन सीधे-सीधे अशोक गहलोत को जिम्मेदार नहीं बताया गया है. 1 दिन पहले तक ऐसा माना जा रहा था कि अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से बाहर हो सकते हैं. लेकिन अब पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट में एक तरह से उन्हें क्लीन चिट मिल गई है. माना जा रहा है कि इस रिपोर्ट के बाद अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने का रास्ता साफ हो गया है. तो क्या अब अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नॉमिनेशन करेंगे?