यूनाइटेड किंगडम की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का गुरुवार को 96 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. वह पिछले कुछ समय से बीमार थीं. एलिजाबेथ द्वितीय की मौत स्कॉटलैंड के Balmoral Castle में हुई है. पूरे ब्रिटेन में शोक पसरा हुआ है. 8 सितंबर को उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई थी. उन्हें डॉक्टर की देखरेख में रखा गया था.
एलिजाबेथ द्वितीय का जन्म 21 अप्रैल 1926 को हुआ था. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक एलिजाबेथ द्वितीय के निधन के बाद उनके सबसे बड़े बेटे प्रिंस चार्ल्स ब्रिटेन के नए महाराज और राष्ट्रमंडल देशों के नए राष्ट्र अध्यक्ष के रूप में महारानी के अंतिम संस्कार और श्रद्धांजलि कार्यक्रम की अगुवाई करेंगे.
खबरों के मुताबिक महारानी एलिजाबेथ को चलने और खड़े होने में दिक्कत हो रही थी. वह 1952 में गद्दी पर बैठी थीं और वह अभूतपूर्व सामाजिक परिवर्तन की गवाह रही हैं. वहीं उनके निधन पर दुनिया के दिग्गज नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. 70 साल की उम्र की हुकूमत के दौरान ब्रिटेन ही नहीं पूरी दुनिया भारी उठापटक के दौर से गुजरी. कभी आर्थिक चुनौतियां सामने थी तो कभी सियासी संकट, मगर इस उथल-पुथल में जनता के बीच भरोसा जगाने के लिए एक ही नाम था, महारानी एलिजाबेथ का.
एलिजाबेथ उस दौर में ब्रिटेन की महारानी बनी जब पूरी दुनिया में ब्रिटेन की हैसियत घट रही थी. समाज में क्रांतिकारी बदलाव आ रहे थे. ब्रिटेन में बहुत से लोग राजशाही के रोल पर ही सवाल खड़े कर रहे थे. मगर उन्होंने इन चुनौतियों का डटकर सामना किया. बड़ी समझदारी से अपनी जिम्मेदारियां निभाई और ब्रिटेन के राजपरिवार में लोगों का भरोसा बनाए रखा.
सबसे खास बात यह है कि एलिजाबेथ कभी स्कूल नहीं गई. उनकी और छोटी बहन की पढ़ाई लिखाई राजमहल में ही हुई. एलिजाबेथ अपने पिता और अपने दादा दोनों की बहुत लाडली थी. 6 बरस की उम्र में घुड़सवारी सीखते वक्त उन्होंने अपने उस्ताद से कहा कि वह गांव में रहने वाली लड़की बनना चाहती हैं और ढेर सारे घोड़े और कुत्ते पालना चाहती हैं.